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Hey ! I'M a Tree

I'm the one who gives you life,
But why you forget that I'm alive.
You cut me often ,don't know my worth,
I save your planet, I save your earth.

Air to breath and fruits to eat ,
I give you all you need.
Yes! I eat,Yes! I breath,
Don't think I 'm just a show piece.

Yes,you plant me ,but just for yourself ,
And you show your gratitude!
You cut my roots, just for my woods,
O ! Man you are so rude.

I help you even when I die,
O ! My companion.
I help you even when you die,
For your cremation.

Fruits and flower ,shadow and air ,
I give you all for free.
Don't cut me friend and save me friend ,
Hey ! I'm a tree.
                                     
                                  - Mrinalini sharma 

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खेल और जंग

(1)हाथ में काली पट्टी थी ,दिलों में दर्द शहादत का।   राष्ट्रीय खेल हाॅकी ने ,बढ़ाया कद है भारत का।। (2)जंग- ए-ऐलान जब जब किया नापाक था तुमने,   हमारे हर एक फौजी ने दिया जबाव करारा था।   ये तो मैच था केवल ,एक जीत पर उड़ने वालों,   मत भूलो जब हमने ,घर में घुस के मारा था।   क्रिकेट में जीत भी गए एक मैच तो क्या,   राष्ट्रीय खेल पर उस दिन भी हक हमारा था।। (3) वतन की हार पर जश्न मनाने वाले ऐ गद्दारों,   दफन होगे जिस मिट्टी में, वो हिन्दुस्तान की होगी ।। (4)बलिदान हुए इस देश पर जो, करो उनका अपमान नहीं।     है जिसे देश से प्रेम नहीं, वो देश को भी स्वीकायॆ नहीं ।।                                               -मृणालिनी शर्मा