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बच्चों को सताये बोर्ड एक्जाम्स का भूत


भूतों से तो अमूमन सभी बच्चों को डर लगता है, लेकिन उनके लिए भूत से भी ज्यादा डरावना अगर कुछ होता है तो वह है बोर्ड एक्जाम्स का प्रेशर. हर साल 10वीं और 12वीं के कई बच्चे इसके चलते डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं. इसकी मुख्य वजह है अभिभावकों और सम्बंधियों द्वारा बच्चों से सुबह- शाम, उठते- बैठते सिर्फ बोर्ड एक्जाम और पढ़ाई की ही बातें करना.
फरवरी 2019 में होने वाले बोर्ड एक्जाम्स के लिए जो भी बच्चे इसके लिए तैयारी कर रहे हैं, उन्हें आज हम बतायेंगे इस दौरान प्रेशर से बचने के कुछ तरीके, जिससे वे तनावमुक्त होकर अपने अच्छे से तैयारी कर पायेंगे.
1.     निश्चित करें पढ़ाई का समय – बोर्ड एक्जाम्स में ज्यादा पढ़ाई करना अच्छी बात है, लेकिन इसके लिए आपको हर वक्त किताब लेकर बैठना जरूरी नहीं है. हर दिन आप पढ़ने का एक समय निश्चित कर लीजिए, जिसमें की आप पूरी लगन और ईमानदारी के साथ पढ़ाई कर सकें. ऐसा करने से आप पढ़ाई के अलावा अपने बाकी कामों को भी समय दे पायेंगे और कोई हर वक्त आपको पढ़ने के लिए नहीं टोकेगा.

2.      आखिरी दिनों पर न रहें निर्भर – बोर्ड एक्जाम की तैयारी करते वक्त कई स्टूडेंट्स सिलेबस का कठिन लगने वाला हिस्सा यह कहकर छोड़ देते हैं, कि इसे आखिरी में पढ़ेगे. तो मेरी आपको सलाह है आप ऐसा बिल्कुल भी न करें, क्योंकि एक्जाम्स की तैयारी के आखिरी दिन सिर्फ रिवीजन के लिए होते हैं. आखिरी दिनों में नई चीजें पढ़ने की कोशिश आपको दवाब में ला सकती है.

3.     खुद को दें चैलेंज – एक्जाम्स की तैयारी के समय अपने क्लासमट्स की बजाय आप खुद को ही चैलेंज दें. अपने सिलेबस को डिवाइड कर लें और उसे निश्चित टाइम पीरियड में तैयार करने के लिए खुद को चैलेंज करें, बिल्कुल एक मोबाइल गेम की तरह. हर दिन ऐसा करने से आप अपने सिलेबस के हिसाब से तैयारी कर पायेंगे और पढ़ाई में आपकी रुचि भी बनी रहेगी.

4.     कल पर मत टालें – पढ़ाई के दौरान लगभग हर स्टूडेंट जिस स्थिति से गुजरता है, वह है आज मन नहीं है, कल से पढ़ाई शुरू करेंगे. ये कल ही भविष्य से प्रेशर और डिप्रेशन का कारण बनता है. इसलिए कल नहीं बल्कि आज और अभी से ही पढ़ाई शुरू करें और उतना ही पढ़ें, जितना आप याद रख सकते हैं. 

5.     ब्रेक तो बनता है – लगातार पढ़ाई करते रहने से सभी चाजों को याद रख पाना काफी मुश्किल होता है. तो ऐसे में पढ़ाई के बीच में एक छोटा- सा ब्रेक लें और इसमें चाय- नाश्ते के साथ ऐसी चीजें करें, जिनसे आपको खुशी मिलती हो, क्योंकि अच्छी पढ़ाई के लिए आपका खुशदिल रहना बहुत जरूरी है. ऐसे में पढ़ाई के दौरान आप किसी भी प्रकार के प्रेशर से बच सकते हैं.

6.     अभिभावक न बनाएं दबाव – अभिभावकों को बच्चों को हर वक्त पढ़ाई के लिए डांटना नहीं चाहिए, इससे बच्चे प्रेशर में आ जाते हैं और सही से पढ़ नहीं पाते. इसके बजाय अभिभावकों को एक दोस्त की तरह अपने बच्चे के मन को पढ़ना चाहिए और पढ़ाई के प्रति उसके मन में डर पैदा करने के बजाय रुचि पैदा करने की कोशिश करनी चाहिए.
 

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