देख के अपनी दयनीय दशा, आता है मन में एक सवाल । बंगलौर से लेकर दिल्ली तक, हो रहा क्यों मुझ पर अत्याचार ।। मैं तो जननी हूँ, माता हूँ , जिस ने तुमको जन्म दिया । अबला समझ समाज ने , फिर क्यों मुझसे ही छल किया।। बुलंद शहर में दर्द भरी मेरी, न सुनी किसी ने भी पुकार । ...