भारत एक लोकतांत्रिक देश है अर्थात एक ऐसा देश जहां पर लोगों को अपने अनुसार जीवन जीने और अपने विचार रखने की पूरी स्वतंत्रता है और यह लोकतंत्र मात्र संविधान की किताब तक ही सीमित नहीं है बल्कि प्रत्येक भारतीय के वास्तविक जीवन में भी अमल करता है । अतः इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी अगर कहा जाए कि दुनिया में अगर कोई देश सच्चे मायनों में लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करता है तो वह भारत ही है।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी गई है, अर्थात भारत का प्रत्येक नागरिक अपने विचारों को बोलकर, लिखकर या किसी अन्य माध्यम से प्रकट करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है । किन्तु इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश विरोधी बयान बाजी या नारेबाजी करो । अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नही है कि आप जिस देश की मिट्टी में पले -बढ़े हो, उसी भारत माता को बाँटने की बात करो ।
भारत का संविधान आपको अभिव्यक्ति की आजादी तब तक ही देता है जब तक किसी व्यक्ति का वक्तव्य समाज और देश के लिए अहितकारी न हो । भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(2) के अनुसार ऐसे किसी भी वक्तव्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है ,जिससे -
1- देश की सुरक्षा को खतरा हो ।
2- विदेशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बंधो पर आच आए ।
3- सार्वजनिक व्यवस्था/ कानून व्यवस्था खराब हो।
4- अदालत की अवमानना हो।
5-शालीनता और नैतिकता पर आच आए।
6- किसी की मानहानि हो।
7-किसी अपराध के लिए प्रोत्साहन मिले ।
8- भारत की एकता और अखंडता को खतरा हो ।
अतः अब प्रश्न यह उठता है कि कब तक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर अलगाववादी देश को तोड़ने की बात करते रहेंगे जो कि सीधे-सीधे देश की एकता और अखंडता पर हमला है । जो लोग देश के संविधान का सम्मान नहीं करते ,जिन लोगों को देश के संविधान पर भरोसा नहीं है, वे संविधान द्वारा प्रदत्त ' अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ' पर अपना अधिकार कैसे जता सकते हैं?
यदि देश के संविधान द्वारा आपको अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने की स्वतंत्रता दी जा रही है, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप अपनी मर्यादा ही भूल जाएँ और इसका गलत फायदा उठाएँ ।अपने देश और संविधान का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है ।
यदि देश के संविधान द्वारा आपको अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने की स्वतंत्रता दी जा रही है, इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि आप अपनी मर्यादा ही भूल जाएँ और इसका गलत फायदा उठाएँ ।अपने देश और संविधान का सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है ।
" जय हिन्द जय भारत "
-मृणालिनी शर्मा
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