Skip to main content

खेल और जंग

(1)हाथ में काली पट्टी थी ,दिलों में दर्द शहादत का।
  राष्ट्रीय खेल हाॅकी ने ,बढ़ाया कद है भारत का।।

(2)जंग- ए-ऐलान जब जब किया नापाक था तुमने,
  हमारे हर एक फौजी ने दिया जबाव करारा था।
  ये तो मैच था केवल ,एक जीत पर उड़ने वालों,
  मत भूलो जब हमने ,घर में घुस के मारा था।
  क्रिकेट में जीत भी गए एक मैच तो क्या,
  राष्ट्रीय खेल पर उस दिन भी हक हमारा था।।

(3) वतन की हार पर जश्न मनाने वाले ऐ गद्दारों,
  दफन होगे जिस मिट्टी में, वो हिन्दुस्तान की होगी ।।

(4)बलिदान हुए इस देश पर जो, करो उनका अपमान नहीं।
    है जिसे देश से प्रेम नहीं, वो देश को भी स्वीकायॆ नहीं ।।

                                              -मृणालिनी शर्मा 

Comments