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Showing posts from July 1, 2017

योग्यता महत्वपूर्ण या जाति

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14-18 के अन्तर्गत भारतीय नागरिकों को मौलिक अधिकार के रूप में समानता का अधिकार प्राप्त है। अनुच्छेद 15 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि भारत के किसी भी नागरिक से धर्म,वंश ,जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा ।किन्तु प्रश्न यह उठता है कि क्या वास्तव में हमारे देश में लोगों को जाति के आधार पर समानता का अधिकार प्राप्त है?  क्या जाति के आधार पर दिया जाने वाला आरक्षण समानता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है?               यह बात बिल्कुल समझ से परे है कि हमारे देश में जाति को इतना महत्व क्यों दिया जाता है?  किसी भी क्षेत्र में लोगों को चुनने से पहले उनकी योग्यता से ज्यादा महत्व उनकी जाति को दिया जाता है। भले ही वह प्रतियोगी परीक्षा देने वाले छात्र हों अथवा चुनाव लडने वाले राजनीतिक उम्मीदवार । सरकारी नौकरी के लिए छात्रों का चुनाव जातीय आरक्षण के आधार पर किया जाता है जो कि एक प्रकार से देश में जातिवाद को बढ़ावा देता है ।किसी भी जिम्मेदार पद के चुनाव के लिए व्यक्ति की योग्यता को प्राथमिकता देनी चाहिए न कि जाति को । किन्तु दुःख की बा